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Nai soch( नई सोच)

hindi poem  नई सोच जब ढक लिया अंधकार ने नभ को समा गए   थे    मेघ    नभ  में आभास हुआ था अमावस्या का लगा था न होगा अंत तम का                ऐसे में उत्पन्न हुआ था         उत्साह का एक नया सवेरा         नई किरण नए जोश से हम       निर्माण करने चलें स्वर्णिम भारत का प्रकृति इतनी धन्य हुई हम पर मस्तक पर हिमालय सजाया सागर से चरण धुलवाए और हृदय से गंगा बहाई                   शहीदों की चिताओं से इसकी नींव बनाई थी    बापू के अरमानों पर खड़ा किया था भारत      परंतु    इस ।   व्यर्थ । ।  स्वार्थ।   से     ढ़हने.  लगा है आज यह भारत । शहीदों की अस्थियां इतनी कमजोर तो नहीं थी बापू के अरमान इतने कमजोर तो नहीं थे ? तो क्या कारण हो सकता है इसका ? कहीं निर्माण में मिलावट तो शामिल  नहीं? न ही भारत की नींव कमजोर थी और ना ही इसके स्तंभ शायद भारत निर्माण के अभियंता ही हैं  उद्दंड               आओ मिलकर दंडित करें               ऐसे उद्दंड अभियंता को               जिन्होंने नींव को खोखला किया               मिलकर करें उनका अंत  आज हम मिलकर संकल्प लें  मजबूत भारत हम बनाएंगे

poem on dowry system(दहेज प्रथा)

देखकर उसकी व्याकुलता मेरे उर का हुआ उदय  देख कर उसकी अश्रुधारा  गा रहा है मेरा हृदय                                काली घटा छाई उस पर                    जाने ना किन पापों की                    बनी वह कलह का कलश                    अपने प्यारे कुटुंब की   देहली पर इस घर की आई  लक्ष्मी बनकर वह नई   नष्ट किया इस कलश ने सब भरे थे जिनमे सपने कहीं                  मां कह कर पुकारती जिसे                बनी है शत्रु आज उसकी                             नित्य प्रताड़ित करती है उसे                         मायाजाल में आज फसी देखकर  उसकी की व्याकुलता  बाप बेचारा है परेशान  जानी न व्यथा उसकी  इन सबसे था अनजान                         अपनी पुत्री के रोदन से                डर से सहमा उसका मन                 चिंतित है क्षण क्षण वह                कहां से प्राप्त हो इतना धन ससुर को भी कुछ न सुझा लगा मानवता को लजाने में  फिर दहक रही अग्नि  रसोई घर के कोने में                                  संकीर्ण मानसिकताएं हमारी                       

reason behind indian poverty

reason behind indian poverty भारत के लोग स्मार्ट परिश्रमी दयालु व मितव्यई होते हैं भारत प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण देश है|  माना जाता है कि यहां का लोकतंत्र काफी मजबूत है इतना कुछ होने के बावजूद भी प्रश्न यह उठता है कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी भारत गरीब क्यों है? वह कौन से कारण हैं जो भारत को गरीब व अमेरिका को अमीर बनाते हैं ऐसा क्या है कि भारत का जीडीपी(सकल घरेलू उत्पाद) मात्र 1500 यूएस डॉलर है जबकि अमेरिका का जीडीपी 53,000 युएस डॉलर है (प्रतिव्यक्ती) क्यों हम अमेरिका जैसे देश से पिछड़ रहे हैं क्यों एक अमेरिकी नागरिक भारतीय से 35 से 36 गुना ज्यादा कमा रहा है या उत्पादन कर रहा है | वास्तव में भारत विश्व का सबसे विकसित देश बन सकता था क्योंकि इसके पास सवा सौ करोड़ का मानव संसाधन है परंतु आज की स्थिति में इसका यह मानव संसाधन इसके लिए बोझ बना हुआ है रोज हमारे सामने नए-नए ऐसे मुद्दे घटनाएं आती हैं जिनसे अपने देश के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती हैं||  उदाहरण के लिए 1 साल पहले हुई जेएनयू की बात ही ले लेते हैं कोई व्यक्ति देश के अंदर देश विरोधी नारे लगाता है और उसके उपरांत उसी व्यक्ति को