Skip to main content

Posts

reason behind indian poverty

reason behind indian poverty भारत के लोग स्मार्ट परिश्रमी दयालु व मितव्यई होते हैं भारत प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण देश है|  माना जाता है कि यहां का लोकतंत्र काफी मजबूत है इतना कुछ होने के बावजूद भी प्रश्न यह उठता है कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी भारत गरीब क्यों है? वह कौन से कारण हैं जो भारत को गरीब व अमेरिका को अमीर बनाते हैं ऐसा क्या है कि भारत का जीडीपी(सकल घरेलू उत्पाद) मात्र 1500 यूएस डॉलर है जबकि अमेरिका का जीडीपी 53,000 युएस डॉलर है (प्रतिव्यक्ती) क्यों हम अमेरिका जैसे देश से पिछड़ रहे हैं क्यों एक अमेरिकी नागरिक भारतीय से 35 से 36 गुना ज्यादा कमा रहा है या उत्पादन कर रहा है | वास्तव में भारत विश्व का सबसे विकसित देश बन सकता था क्योंकि इसके पास सवा सौ करोड़ का मानव संसाधन है परंतु आज की स्थिति में इसका यह मानव संसाधन इसके लिए बोझ बना हुआ है रोज हमारे सामने नए-नए ऐसे मुद्दे घटनाएं आती हैं जिनसे अपने देश के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती हैं||  उदाहरण के लिए 1 साल पहले हुई जेएनयू की बात ही ले लेते हैं कोई व्यक्ति देश के अंदर देश विरोधी नारे लगाता है और उसके उपरांत उसी व्यक्ति को

THE BLACK hole

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं ब्लैक होल्स के बारे में जी हां ब्लैक होल शायद आप में से बहुत लोग इस बारे में जानते भी होंगे जैसा कि इसका नाम सुनकर लगता है कि यह कोई काला छेद होगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है यह कोई काला छेद नहीं बल्कि ब्रह्मांड के अद्भुत अकल्पनीय दानव हैं जिनकी भूख कभी खत्म नहीं होती यह हमेशा कुछ ना कुछ खाते रहते  दरअसल ब्लैक होल  इतने सघन आकाशीय पिंड हैं कि इनकी ग्रेविटी के आगे प्रकाश भी नहीं बच सकता अर्थात यह प्रकाश को भी खा जाते हैं यह उतने ही सघन होते हैं मानो पूरी पृथ्वी को दबाकर एक टेनिस बॉल का आकार दे दिया हो अब यह पिंड इतनी ज्यादा सघन होते हैं तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि इनकी ग्रेविटी कितनी ज्यादा होगी दोस्तों पृथ्वी के मुकाबले इनकी ग्रेविटी लाखों-करोड़ों गुना ज्यादा होती है एक ब्लैक होल का द्रव्यमान:-                              ब्रह्मांड में जब भी कोई भारी चीज दिखती है तो उसे नापने के लिए हम अपने आसपास सबसे भारी चीज को ढूंढते हैं और हमारे आसपास सबसे भारी चीज है सूर्य तो हम एक ब्लैक होल का द्रव्यमान नापने के लिए उसे सूर्य  से तुलना करते जिसे सोलर मास