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Showing posts from May, 2018

phla phla pyar short hindi love story

Phla phla pyar:- \ #love story आज मैं 7:00 बजे ही ऑफिस से जल्दी घर आ गया बाहर बारिश का मौसम था रोज की तरह मैं अपने कमरे की अलमारी की तरफ बड़ा जहां मैंने पूजा से छिपाकर वोडका की बोतल रखी है मैंने उसमें से एक पैग बनाई और जल्दी से वहीं बैठकर  घट घट पी गया । फिर एक नई पैग बनाई उसमें थोड़ा सा सोडा ज्यादा मिलाया और उसे लेकर बाहर बालकनी की तरफ गया तभी मुझे याद आया कि मैं अपना लाइटर बैडरूम के तकिये के नीचे ही भूल आया हूं उसे लाने मुझे वापस जाना पड़ा । मैं बारिश के मौसम का मज़ा लेने के लिए अपने बेजान से पैरों को टेबल के सहारे सटा कर बैैैठ गया लाइट जा चुकी थी और मैं आसमान से चमक रही बिजली की धुन में मस्त था मैंने अपनी सिगरेट जलाई और उसे दाएं हाथ में रखा बाए हाथ से अपनी पैग उठाकर मैंने उसे अपने होटों से लगाया उसके बाद जलती हुई सिगरेट से एक कस अपने अंदर खींच ली और उस धुएं से छल्ले बनाकर उडाने लगा। मैंने उड़ रहे एक छल्ले को ध्यान से देखा  जिसने मुझे मेरे बचपन की आठवीं कक्षा की सेकंड लास्ट बेंच पर पटक दिया जहां मेरी गिनती कक्षा के महा बकैत लड़कों में होती थी। उस दिन मैं अपनी बेंच प

The Warning short hindi story

The warning:- पिछले हफ्ते रविवार की रात को मैं खाना खाकर जल्दी सो गया ताकि अगली सुबह जल्दी उठ सकूं और समय से इंटरव्यू के लिए जा सकूं। उस रात मेरी WhatsApp और Facebook रानी को मेरे बगैर रहना पड़ा होगा।  अगली सुबह मेरी नींद अलार्म के शोर से खुली जिसे शायद मैं सातवीं बार बंद कर चुका था आखिरकार जब मेरी आंखें खुली तो 7:00 बज चुके थे और सूरज की वह पहली किरण खिड़की से होते हुए मेरी आंखों पर गिर रही थी। मैं फिर से लेट उठ  रहा था मैं फटाफट बिस्तर से उठा और नहाने चला गया और नाश्ते की जगह दही-चीनी खाकर इंटरव्यू के लिए  अपने कमरे से निकला। अब तक 7:40 हो चुके थे और मैंने जल्दी से ऑटो पकड़ा और मेट्रो स्टेशन पहुंच गया उस दिन वह मेट्रो स्टेशन भी अजीब लग रहा था ऐसा लग रहा था शायद पहली बार स्टेशन आ रहा हूं कुछ देर बाद मुझे स्टेशन पर एक कस्तूरी सी सुगंध महसूस हुई जो मुझे अपनी तरफ खींच रही थी लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा था वह सुगंध कहां से आ रही है मैंने सुगंध  का पीछा करना शुरू किया शायद वह सुगंध सामने लाल सूट में खड़ी उस लड़की से आ रही थी जिसका  चेहरा भी शायद मुझे ठीक से नहीं दिख  रहा था। hi

Guru govind singh motivational story गुरु गोविंद सिंह

गुरु गोविंद सिंह- भारत माता सदा से ही महात्माओं व साहसी लोगो की जननी रही है यहाँ समय समय पर ऐसे-ऐसे महान योद्धा तैयार हुए हैं जो साधारण होकर भी असाधारण कार्य के लिये जाने जाते है उन्ही लोगो मे से एक महान लीडर हैं गुरुदेव गुरु गोविंद सिंह। जन्म- इनका जन्म 22 दिसम्बर को बिहार के पटना मे हुआ था । महान लीडर- ये इतने महान लीडर थे कि तत्कालीन तानाशाह  औरंगजेब भी इनसे डरा डरा रहता था। औरंगजेब ने इनके पीछे अपने सेनापति और उसके साथ 10 लाख की सेना गुरुजी को ढूढ़ने के लिए लगा दी उस समय औरंगजेब का लगभग पूरे भारत मे कब्जा था उसका बस एक ही मकसद था  कि सिख गुरु को कैसे भी अपने पैर पर झुका दू। उसने 10 लाख की सेना गुरुदेव के पीछे पीछे लगा दी तभी लड़ा गया चमकौर का युद्ध एक पहाड़ी मे ये 40 सिख थे और पहाड़ी के नीचे घेरे हुए थी 10 लाख की सेना तभी गुरुदेव जी ने हौसला बढ़ाने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध नारा दिया जो युगों तक सिख समुदाय मे  अमर रहेगा- चिड़या दे नाल बांज लडाऊं गीदड़ नु मे शेर बनाऊ सवा लाख दा एक लडाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहाऊ guru govind singh great sikh leader इनक