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how touch screen works || टच स्क्रीन क्या है ? टच स्क्रीन कैसे काम करती है ?

how touch screen works || टच स्क्रीन क्या है ?   टच स्क्रीन कैसे काम करती है ? नमस्कार दोस्तो अगर आप भी हैं  स्मार्टफोन यूजर्स और आपने कभी ना कभी अगर स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया है । आजकल टच स्क्रीन सभी जगह इस्तेमाल में लाए जाते हैं चाहे वह बैंक में लगे एटीएम की बात हो या फिर हवाई जहाज की सीट में | सभी जगह टच स्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है इनमें से कुछ  टच स्क्रीन जोर से दबाने पर काम करती हैं और कुछ धीरे से दबाने पर ही चलने लगती हैं।how mobile touch screen works in hindi तो आपने यह जरूर सोचा होगा कि आखिर यह टच स्क्रीन क्या है और यह टच स्क्रीन काम कैसे करती है । तो आज हम आपको इसी विषय में बताएंगे की टच स्क्रीन क्या है ?    टच स्क्रीन कैसे काम करती है ?   तो स्वागत है आपका technicalkeeda.in पर चलिए शुरू करते हैं टच स्क्रीन   क्या है । पहले हमें किसी भी device को कंट्रोल करने के लिए mouse तथा keyboard या keypad की जरुरत पड़ती थी. लेकिन अब समय के साथ ये सब बदल गया हैं और आज के समय में किसी भी device को या smart phone को Touch Screen के सहायता से आसनी से किया जा सकता हैं  Tou

What is pixels in hindi | पिक्सल क्या होते हैं?

What is pixels || पिक्सल क्या होते हैं? नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका https://www.technicalkeeda.in पर दोस्तों आपने पिक्सेल के बारे के बारे में तो जरूर सुना होगा सुना होगा हम जब कोई वीडियो देखते हैं तो हम बात करते हैं कि वीडियो 144p , 240p, 480p, 720p, 1080p , 2 k pixels,  4K  pixels की है और हम यह भी जानते हैं कि कैमरा जितने ज्यादा MP का होगा फ़ोटो उतनी अच्छी आएगी लेकिन क्या आप जानते हैं पिक्सल का असली मतलब क्या होता है ? आखिर पिक्सल बनाए कैसे जाते हैं ?  What is pixels | तो आज हम इसी बारे में बात करेंगे चलिए शुरू करते हैं । पिक्सल - दोस्तो हमारे फ़ोन की स्क्रीन काफी छोटे छोटे डॉट से मिलकर बनाई जाती है और हर एक डॉट पे अलग अलग रंग की LED लगाई जाती है इन्ही छोटे 4छोटे डॉट या LED को पिक्सल कहा जाता है । हमारी फ़ोन , लैपटॉप , टीवी की स्क्रीन को बहुत छोटे छोटे SQUARE वर्ग के रूप मे बांटा गया है बिल्कुल उसी तरह जैसे कि एक ग्राफ पेपर होता है। दी गयी फ़ोटो मे भी देख सकते हैं।  एक pixel को भी किसी भी तरह के range मे चमकाने के लिये 3 रंगो की जरूरत होती है इन्‍हें RGB (Red-Green-Blue)

THE BLACK hole

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं ब्लैक होल्स के बारे में जी हां ब्लैक होल शायद आप में से बहुत लोग इस बारे में जानते भी होंगे जैसा कि इसका नाम सुनकर लगता है कि यह कोई काला छेद होगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है यह कोई काला छेद नहीं बल्कि ब्रह्मांड के अद्भुत अकल्पनीय दानव हैं जिनकी भूख कभी खत्म नहीं होती यह हमेशा कुछ ना कुछ खाते रहते  दरअसल ब्लैक होल  इतने सघन आकाशीय पिंड हैं कि इनकी ग्रेविटी के आगे प्रकाश भी नहीं बच सकता अर्थात यह प्रकाश को भी खा जाते हैं यह उतने ही सघन होते हैं मानो पूरी पृथ्वी को दबाकर एक टेनिस बॉल का आकार दे दिया हो अब यह पिंड इतनी ज्यादा सघन होते हैं तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि इनकी ग्रेविटी कितनी ज्यादा होगी दोस्तों पृथ्वी के मुकाबले इनकी ग्रेविटी लाखों-करोड़ों गुना ज्यादा होती है एक ब्लैक होल का द्रव्यमान:-                              ब्रह्मांड में जब भी कोई भारी चीज दिखती है तो उसे नापने के लिए हम अपने आसपास सबसे भारी चीज को ढूंढते हैं और हमारे आसपास सबसे भारी चीज है सूर्य तो हम एक ब्लैक होल का द्रव्यमान नापने के लिए उसे सूर्य  से तुलना करते जिसे सोलर मास