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Showing posts from April, 2018

what is spirituality अध्यात्म क्या है? aadyatm kya hai? in hindi

what is spirituality अध्यात्म क्या है? aadyatm kya hai? in hindi what is spirituality  what is spirituality अध्यात्म क्या है? aadyatm kya hai? in hindi what is spirituality अध्यात्म क्या है?  aadyatm kya hai?  अगर हम अपनी आज की जिंदगी में नजर दौड़ाए तो हमें मालूम पड़ेगा कि हम भौतिक सुख सुविधाओंं की प्राप्ति के लिए लगे रहते हैं इन सांसारिक सुविधाओं को आध्यात्म की भाषा में पदार्थ कहते हैं । what is spirituality अध्यात्म क्या है? aadyatm kya hai? in hindi हम सभी इसी पदार्थ की प्राप्ति के लिए भाग दौड़ में लगे रहते हैं तथा इसी पदार्थ के लिए सामाजिकता और नैतिकता की सीमा का हनन कर देते हैं।यह एक चिंतनीय विषय है ।आजकल हम समाचार पत्र  में रोज  चोरी ,लूट ,हिंसा व बलात्कार जैसी घटनाओं के विषय में पढ़ते हैं चिंतन करने का विषय यह है कि आखिर हमें ऐसी खबरें पढ़ने को क्यों मिलती हैं इसका एक मात्र उत्तर यही है कि समूची  मानव जाति भौतिक पदार्थों  की प्राप्ति में लिप्त है । ये भौतिक सुख सुविधा एक व्यक्ति को क्षणिक आनंद तो दे सकते हैं लेकिन जीवन पर्यंत आनंद नहीं दे सकते यही कारण है कि मनुष्य

The Unimaginable Power( अकल्पनीय शक्ति) power of maditation

The Unimaginable Power( अकल्पनीय शक्ति) The Unimaginable Power( अकल्पनीय शक्ति) power of maditation हमारा दिमाग एक बायलॉजीकल सिस्टम है इसके अंदर हमेशा कुछ न कुछ चलता ही रहता है शायद  आपको पता नहीं होगा कि हमारे दिमाग के   पास अपरिमित अलौकिक व असीमित शक्तियों का भंडार है लेकिन इस दुनिया में कुछ ही ऐसे लोग होते हैं जो इन  अलौकिक व असीमित शक्तियों का प्रयोग कर पाते हैं दरअसल यह शक्तियां हमारे अंर्तमन में सोई हुई है जिन्हें हमें जागृत करना पड़ता है इन जो व्यक्ति इन शक्तियों को जगाने  में सफल होता है उसके पास यह अलौकिक शक्तियां आ जाती हैं और उसे हम जिंदगी में सफल व्यक्ति मानते हैं। हमारा दिमाग एक दिन में विभिन्न स्थितियों से  गुजरता है इन विभिन्न स्थितियों को हम 5 भागों में बांटते हैं- 1-गामा(¥) 2-डेल्टा(∆) 3-थीटा 4-अल्फा 5-बीटा डेल्टा स्तिथि में हम तब होते हैं जब हम नींद में होते हैं। थीटा स्थिति में हम तब होते हैं जो जब हम सो कर उठते हैं अर्थात  सोने कर तुरंत बाद जब हम उठते हैं तो उसके 5 मिनट के अंदर हमारा दिमाग थीटा  स्थिति में ही होता है अल्फा स्थिति वह स्थिति होती

Nai soch( नई सोच)

hindi poem  नई सोच जब ढक लिया अंधकार ने नभ को समा गए   थे    मेघ    नभ  में आभास हुआ था अमावस्या का लगा था न होगा अंत तम का                ऐसे में उत्पन्न हुआ था         उत्साह का एक नया सवेरा         नई किरण नए जोश से हम       निर्माण करने चलें स्वर्णिम भारत का प्रकृति इतनी धन्य हुई हम पर मस्तक पर हिमालय सजाया सागर से चरण धुलवाए और हृदय से गंगा बहाई                   शहीदों की चिताओं से इसकी नींव बनाई थी    बापू के अरमानों पर खड़ा किया था भारत      परंतु    इस ।   व्यर्थ । ।  स्वार्थ।   से     ढ़हने.  लगा है आज यह भारत । शहीदों की अस्थियां इतनी कमजोर तो नहीं थी बापू के अरमान इतने कमजोर तो नहीं थे ? तो क्या कारण हो सकता है इसका ? कहीं निर्माण में मिलावट तो शामिल  नहीं? न ही भारत की नींव कमजोर थी और ना ही इसके स्तंभ शायद भारत निर्माण के अभियंता ही हैं  उद्दंड               आओ मिलकर दंडित करें               ऐसे उद्दंड अभियंता को               जिन्होंने नींव को खोखला किया               मिलकर करें उनका अंत  आज हम मिलकर संकल्प लें  मजबूत भारत हम बनाएंगे

poem on dowry system(दहेज प्रथा)

देखकर उसकी व्याकुलता मेरे उर का हुआ उदय  देख कर उसकी अश्रुधारा  गा रहा है मेरा हृदय                                काली घटा छाई उस पर                    जाने ना किन पापों की                    बनी वह कलह का कलश                    अपने प्यारे कुटुंब की   देहली पर इस घर की आई  लक्ष्मी बनकर वह नई   नष्ट किया इस कलश ने सब भरे थे जिनमे सपने कहीं                  मां कह कर पुकारती जिसे                बनी है शत्रु आज उसकी                             नित्य प्रताड़ित करती है उसे                         मायाजाल में आज फसी देखकर  उसकी की व्याकुलता  बाप बेचारा है परेशान  जानी न व्यथा उसकी  इन सबसे था अनजान                         अपनी पुत्री के रोदन से                डर से सहमा उसका मन                 चिंतित है क्षण क्षण वह                कहां से प्राप्त हो इतना धन ससुर को भी कुछ न सुझा लगा मानवता को लजाने में  फिर दहक रही अग्नि  रसोई घर के कोने में                                  संकीर्ण मानसिकताएं हमारी                       

reason behind indian poverty

reason behind indian poverty भारत के लोग स्मार्ट परिश्रमी दयालु व मितव्यई होते हैं भारत प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण देश है|  माना जाता है कि यहां का लोकतंत्र काफी मजबूत है इतना कुछ होने के बावजूद भी प्रश्न यह उठता है कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी भारत गरीब क्यों है? वह कौन से कारण हैं जो भारत को गरीब व अमेरिका को अमीर बनाते हैं ऐसा क्या है कि भारत का जीडीपी(सकल घरेलू उत्पाद) मात्र 1500 यूएस डॉलर है जबकि अमेरिका का जीडीपी 53,000 युएस डॉलर है (प्रतिव्यक्ती) क्यों हम अमेरिका जैसे देश से पिछड़ रहे हैं क्यों एक अमेरिकी नागरिक भारतीय से 35 से 36 गुना ज्यादा कमा रहा है या उत्पादन कर रहा है | वास्तव में भारत विश्व का सबसे विकसित देश बन सकता था क्योंकि इसके पास सवा सौ करोड़ का मानव संसाधन है परंतु आज की स्थिति में इसका यह मानव संसाधन इसके लिए बोझ बना हुआ है रोज हमारे सामने नए-नए ऐसे मुद्दे घटनाएं आती हैं जिनसे अपने देश के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती हैं||  उदाहरण के लिए 1 साल पहले हुई जेएनयू की बात ही ले लेते हैं कोई व्यक्ति देश के अंदर देश विरोधी नारे लगाता है और उसके उपरांत उसी व्यक्ति को

THE BLACK hole

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं ब्लैक होल्स के बारे में जी हां ब्लैक होल शायद आप में से बहुत लोग इस बारे में जानते भी होंगे जैसा कि इसका नाम सुनकर लगता है कि यह कोई काला छेद होगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है यह कोई काला छेद नहीं बल्कि ब्रह्मांड के अद्भुत अकल्पनीय दानव हैं जिनकी भूख कभी खत्म नहीं होती यह हमेशा कुछ ना कुछ खाते रहते  दरअसल ब्लैक होल  इतने सघन आकाशीय पिंड हैं कि इनकी ग्रेविटी के आगे प्रकाश भी नहीं बच सकता अर्थात यह प्रकाश को भी खा जाते हैं यह उतने ही सघन होते हैं मानो पूरी पृथ्वी को दबाकर एक टेनिस बॉल का आकार दे दिया हो अब यह पिंड इतनी ज्यादा सघन होते हैं तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि इनकी ग्रेविटी कितनी ज्यादा होगी दोस्तों पृथ्वी के मुकाबले इनकी ग्रेविटी लाखों-करोड़ों गुना ज्यादा होती है एक ब्लैक होल का द्रव्यमान:-                              ब्रह्मांड में जब भी कोई भारी चीज दिखती है तो उसे नापने के लिए हम अपने आसपास सबसे भारी चीज को ढूंढते हैं और हमारे आसपास सबसे भारी चीज है सूर्य तो हम एक ब्लैक होल का द्रव्यमान नापने के लिए उसे सूर्य  से तुलना करते जिसे सोलर मास