Phla phla pyar:-
#love story
आज मैं 7:00 बजे ही ऑफिस से जल्दी घर आ गया बाहर बारिश का मौसम था रोज की तरह मैं अपने कमरे की अलमारी की तरफ बड़ा जहां मैंने पूजा से छिपाकर वोडका की बोतल रखी है मैंने उसमें से एक पैग बनाई और जल्दी से वहीं बैठकर घट घट पी गया ।
फिर एक नई पैग बनाई उसमें थोड़ा सा सोडा ज्यादा मिलाया और उसे लेकर बाहर बालकनी की तरफ गया तभी मुझे याद आया कि मैं अपना लाइटर बैडरूम के तकिये के नीचे ही भूल आया हूं उसे लाने मुझे वापस जाना पड़ा । मैं बारिश के मौसम का मज़ा लेने के लिए अपने बेजान से पैरों को टेबल के सहारे सटा कर बैैैठ गया लाइट जा चुकी थी और मैं आसमान से चमक रही बिजली की धुन में मस्त था मैंने अपनी सिगरेट जलाई और उसे दाएं हाथ में रखा बाए हाथ से अपनी पैग उठाकर मैंने उसे अपने होटों से लगाया उसके बाद जलती हुई सिगरेट से एक कस अपने अंदर खींच ली और उस धुएं से छल्ले बनाकर उडाने लगा। मैंने उड़ रहे एक छल्ले को ध्यान से देखा जिसने मुझे मेरे बचपन की आठवीं कक्षा की सेकंड लास्ट बेंच पर पटक दिया जहां मेरी गिनती कक्षा के महा बकैत लड़कों में होती थी।
उस दिन मैं अपनी बेंच पर अकेला था और शर्मा सर ने क्लास की सबसे बातूनी लड़की तानिया को मेरे बगल में बैठने का पनिशमेंट दे दिया था वह मेरे बगल में आकर बैठ तो गई लेकिन वहां भी मुझसे बतियाने लगी उस दिन हमारी पहली बार दोस्ती हुई मजा तो तब आया जब शर्मा सर ने उसके ही अगले दिन किताब ना लाने के जुर्म मे तानिया को एक पूरे हफ्ते के लिये मेरे बगल पर बिठा दिया मैं समझ नही पा रहा था कि शर्मा जी मुझे दीवाली बोनस दे रहे हैं या फिर वो मेरे दिल के नये नये जगे अरमानो को समझ गए हैं खैर छोड़िये जो भी था।
अगले दिन मैंने पापा से झूट बोलकर ₹25 मांगे ताकि में तानिया को डेट पर ले जा सकूं पापा ने मुझे ₹20 का नोट और एक-एक रुपये के 5 सिक्के दिए थे उस दिन मैं स्कूल जाने को बहुत उतावला था स्कूल जाते वक्त रास्ते में वो चंद सिक्के मेरी जेब में बज रहे थे और मैं खुद को बिल गेट्स समझ रहा था। छुट्टी के वक्त मैंने तानिया से साथ चलने को कहा और कहा तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है वह अनचाहे मन से मान तो गई लेकिन रास्ते में उसने मुझसे दो फिट की दूरी लगातार बनाये रखी मैंने उसे चलते-चलते रोका और उसे आइसक्रीम वाले भैया के पास ले गया उसके और अपने लिए एक आइसक्रीम खरीदी जैसे ही उसने आइसक्रीम अपने मुह मे डाली ही थी कि दसवीं कक्षा 10 का रोहित आया और बोला "तानिया चलो आज ट्यूशन बंक करके मूवीदेखने चलते हैं मैने तुम्हारे और अपने लिए दो टिकट खरीद ली है बस फिर क्या था तानिया ने मेरी आइसक्रीम फेंक दी और उसकी साइकिल पर बैठ के चले गई और मैं आंखों में नमी लेकर वापस लौट गया मेरे पास एक आइसक्रीम थी जिसमे अब शायद कोई स्वाद नहीं बचा था।
फिर एक नई पैग बनाई उसमें थोड़ा सा सोडा ज्यादा मिलाया और उसे लेकर बाहर बालकनी की तरफ गया तभी मुझे याद आया कि मैं अपना लाइटर बैडरूम के तकिये के नीचे ही भूल आया हूं उसे लाने मुझे वापस जाना पड़ा । मैं बारिश के मौसम का मज़ा लेने के लिए अपने बेजान से पैरों को टेबल के सहारे सटा कर बैैैठ गया लाइट जा चुकी थी और मैं आसमान से चमक रही बिजली की धुन में मस्त था मैंने अपनी सिगरेट जलाई और उसे दाएं हाथ में रखा बाए हाथ से अपनी पैग उठाकर मैंने उसे अपने होटों से लगाया उसके बाद जलती हुई सिगरेट से एक कस अपने अंदर खींच ली और उस धुएं से छल्ले बनाकर उडाने लगा। मैंने उड़ रहे एक छल्ले को ध्यान से देखा जिसने मुझे मेरे बचपन की आठवीं कक्षा की सेकंड लास्ट बेंच पर पटक दिया जहां मेरी गिनती कक्षा के महा बकैत लड़कों में होती थी।
उस दिन मैं अपनी बेंच पर अकेला था और शर्मा सर ने क्लास की सबसे बातूनी लड़की तानिया को मेरे बगल में बैठने का पनिशमेंट दे दिया था वह मेरे बगल में आकर बैठ तो गई लेकिन वहां भी मुझसे बतियाने लगी उस दिन हमारी पहली बार दोस्ती हुई मजा तो तब आया जब शर्मा सर ने उसके ही अगले दिन किताब ना लाने के जुर्म मे तानिया को एक पूरे हफ्ते के लिये मेरे बगल पर बिठा दिया मैं समझ नही पा रहा था कि शर्मा जी मुझे दीवाली बोनस दे रहे हैं या फिर वो मेरे दिल के नये नये जगे अरमानो को समझ गए हैं खैर छोड़िये जो भी था।
अगले दिन मैंने पापा से झूट बोलकर ₹25 मांगे ताकि में तानिया को डेट पर ले जा सकूं पापा ने मुझे ₹20 का नोट और एक-एक रुपये के 5 सिक्के दिए थे उस दिन मैं स्कूल जाने को बहुत उतावला था स्कूल जाते वक्त रास्ते में वो चंद सिक्के मेरी जेब में बज रहे थे और मैं खुद को बिल गेट्स समझ रहा था। छुट्टी के वक्त मैंने तानिया से साथ चलने को कहा और कहा तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है वह अनचाहे मन से मान तो गई लेकिन रास्ते में उसने मुझसे दो फिट की दूरी लगातार बनाये रखी मैंने उसे चलते-चलते रोका और उसे आइसक्रीम वाले भैया के पास ले गया उसके और अपने लिए एक आइसक्रीम खरीदी जैसे ही उसने आइसक्रीम अपने मुह मे डाली ही थी कि दसवीं कक्षा 10 का रोहित आया और बोला "तानिया चलो आज ट्यूशन बंक करके मूवीदेखने चलते हैं मैने तुम्हारे और अपने लिए दो टिकट खरीद ली है बस फिर क्या था तानिया ने मेरी आइसक्रीम फेंक दी और उसकी साइकिल पर बैठ के चले गई और मैं आंखों में नमी लेकर वापस लौट गया मेरे पास एक आइसक्रीम थी जिसमे अब शायद कोई स्वाद नहीं बचा था।
धन्यवाद
Mahavir
(-silent writer)
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